मुक्तागिरी शेत्र इसलिए कहा जाता हैं क्योंकि यहाँ पर मुनीश्वरो ने तथा महान साधको ने विशेस आत्म साधना की और सर्व कर्म बन्धनों से मुक्त होकर मुक्ति प्राप्त की साडे तिन करोड़ मुनिश्व्वारो की यह मोक्ष स्थली हैं. तीर्थंकर भ. शीतलनाथ का समोशार्ण यहाँ आने से यह तीर्थ शेत्र भी है. पवित्र आत्माओ के विचार तथा आभा मंडल द्वारा यह शटल पवित्र तरोंगों से भरा हुआ हैं.
यह शेत्र भारत के मध्य में स्थित हैं. यह महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश के सीमा पर स्थित हैं. यह बेतुल जिले में आता हैं. यह क्षेत्र अमरावती से ६५ किलोमीटर आकोट से ७५ किलोमीटर परतवाडा से १४ किलोमीटर बेतुल से १०० किलोमीटर दुरी पर हैं. |
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| Muktagiri Tirth Sitauted in Betul district, Madhyapradesh, Tirth 65 km. away from Amravati, and From Aakot Approx 75 k.m., From Paratwada - (Achalpur) 14 km. |
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| Chikhaldara Hill Just 65 km. away from Muktagiri Tirth. |
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| Near Tirth from Muktagiri |
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| Bhatkuli (80 km.) |
| On the way to paratwada, Bhatkuli Tirth - प्राचीन तीर्थ श्री आदिनाथ भगवन की ३००० वर्ष अतिशयी मनोज्ञ प्रतिमा हैं |
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| Karanja (50 km.) / Laad Tirth |
| On the way to Bhatkuli To Karanja Via Murtijapur : यहाँ प्रतिमाये दर्शन के लिए शाम ६ बजे से पहले उपलब्द रहेंगी |
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| Shirpur (Antriksha Parshwanath) (100 km.) |
| Way from Karanja To Shirpur Via Malegaon : यहाँ श्री पार्श्वनाथ भगवन की प्रतिमा हैं |
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| Nemgiri (Jintoor) 120 Km |
| Way from Nemgiri Via Risod / Via Hingoli : यहाँ श्री पार्श्वनाथ भगवान की अतिशय विशाल (३ टन ) की प्रतिमा विराजमान हैं |
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| एक हजार वर्ष पूर्व मंदिर क्रमांक १० के नजदीक ध्यानमग्न मुनिवर के सामने एक मैंडा पहाड़ की छोटी पर से गिरा. मुनिराज ने उसके कान में नामोकर मंत्र का स्मरण किया वह मैंडा पहाड़ म्रत्यु के बाद स्वर्ग में देवगति प्राप्त होते ही मुनि महाराज के दर्शन को आया उसी समय से इसे मेंदागिरी भी कहा जाता हैं |
| Distance from Different Tirth |
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| Nagpur - Amravati - Partawada (Achalpur) - Muktagiri = 230 km. |
| Bhopal - Raysen - Betool - Parawada - Muktagiri = 240 Km. |
| Akola - Amravati - Paratwada - (Achalpur) - Muktagiri = 160 km. |
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