श्री विजयश्री पार्श्वनाथ (कनक गिरी - कर्णाटक), केरल एवं तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर मलेयुर से १ किलोमीटर की दुरी पर कनक गिरी या कंकादरी नमक पहाड़ पर स्थित हैं. एस क्षेत्र की व्यवस्था दिगंबर जैन मठ कनक गिरी के परम पूज्य स्वस्त्श्री भट्टारक भुवंकीर्ती जी महास्वामी के रेख-देख में हो रही हैं. यहाँ अंतिम श्रुत केवली भद्रबाहु स्वामी से सम्बन्ध शिलालेख एवं गुफाये उपलब्ध हैं